वर्ष के हर मास में परिवर्तनशील प्रकृति व मानवी भावनाओं की काव्य अभिव्यक्ति, हाइकु विधा में।
- Language - Hindi
- Binding - Hardcover
- Publisher - Vishwa Hindi Sahitya Parishad
- Genre- Poetry
हमारे जीवन की गति, समय की धुरी पर टिकी है । समय नित नया स्वरूप लिए प्रकट भी होता है और एक पुनरावृत्ति का चक्र भी घुमाता है । दिन, मास और वर्ष के क्रमानुसार हम जहाँ आगे बढ़ते हैं, वहीं किसी आदि बिन्दु पर बार बार लौट भी आते हैं । 'समयांतर' में मैं वर्ष के बारह महीनों को, प्रकृति और पुरुष के आवागमन का प्रतीक बना प्रस्तुत कर रही हूँ ।
अभिव्यक्ति के लिए मैंने जापान की हाईकू शैली का प्रयोग किया है । मैंने अनुभव किया कि इस शैली में कवि बहुत सीमित शब्दों में भावों के वेग को समेट लेता है । इसीलिए हाईकू में प्रतिबद्ध रचनाएँ मुझे सुरुचिपूर्ण, आकर्षक और प्रभावशाली लगती हैं । तीन पंक्तियों के निश्चित क्रम में, मैंने भी शब्द भाव संयोजन का प्रयोग किया है ।
इस शैली में, नया कुछ कह पाने के मेरा इस प्रयास में यूँ तो कोई कथानक नहीं है, पर प्रिय- प्रेयसी का ऐसा अदेखा अंतर्प्रवाह कहीं कहीं स्वतः अनावृत हो गया है, जिसमें संभव है आपको सहसा एक नवल रूप में अपने ही किसी अनुभव का साक्षात्कार भी हो जाए !
कवयित्री
परिचय
डा. नीलम वर्मा एक संवेदनशील कवयित्री, नृत्यांगना व कार्डियक फिजीशियन हैं ।
काव्य रचना के साथ साथ, नृत्य कला में भी नीलम की विशेष रुचि रही है। उन्होंने कथक नृत्य की विधा गुरू पं. बिरजू महाराज से ग्रहण की है। उनका विशेष प्रयास सूत्रधार की परम्परागत शैली में 'काव्य नृत्य' प्रस्तुतिकरण का रहा है। वे महाकवि कालिदास के ऋतुसंहार, महीयसी महादेवी वर्मा की कविताओं पर ' वसंतिका' ,व मैथिलीशरण गुप्त के साकेत पर ' सौमित्रप्रिया ' प्रस्तुत कर चुकी हैं ।उन्होंने अपनी काव्य रचना ' उत्तिष्ठ भारत' का भी नृत्य नाट्य मंचन किया है।
नीलम केवल कलाकार ही नहीं, एक कार्डियक फिजीशियन भी हैं। वे इस समय अपने लाइफस्टाइल व वैलनेस फार्म, 'वैदिक ग्राम' में Integrative Medical Care के माध्यम से विभिन्न रोगों के निवारण में कार्यरत हैं।
- Language - Hindi
- Binding - Hardcover
- Publisher - विश्व साहित्य परिषद
- Genre- Poetry
- Generic name - Books
- ISBN: 978-93-84899-17-2
- Edition - 2019
- Pages- 98
- Price - 250
- Country of origin - India